फ़रन फ़्लफ़्स बना नन्ही सी जान का मसीहा
फ़रन फ़्लफ़्स बना नन्ही सी जान का मसीहा
जख्मी कुत्ते के बच्चे का चल रहा है इलाज
अर्थप्रकाश / आरती
पिंजोर! पंचकूला के गांव रामपुर जंगी में जख्मी कुत्ते के बच्चे के लिए फ़रन फ़्लफ़्स मसीहा बना! संस्था द्वारा सही समय से एंबुलेंस को गांव में भेजा गया! बेजुबान की हालत काफी खराब बताई जा रही है फिलहाल अभी उसका पीर मुछल्ला अस्पताल में इलाज चल रहा है!
निशुल्क किया जाता है इलाज
संस्था के एमडी पंकज ने बताया कि पीर मुछल्ला में इनका अस्पताल है जहां 90 से 125 के बीच बच्चे दाखिल हैं जो की पूरी तरह निशुल्क है लेकिन नसबंदी के लिए 2000 फीस ली जाती है क्योंकि यह आपातकालीन चिकित्सा नहीं है! इनकी 20 लोगों की टीम है जिसमें 2 पशु चिकित्सक है! इनकी चार एंबुलेंस है उन्होंने बताया कि इस को शुरू हुए 1 साल हो गया है! पूरे उत्तर भारत में एक ही अस्पताल है जो बिना किसी फीस के अस्पताल चला रहा है! उन्होंने बताया कि वह एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करते हैं जो आमतौर पर कोई एनजीओ प्रयोग नहीं करती!
पंकज खंडेलिया,एमडी
जानवरों की सुरक्षा के लिए करते हैं काम
गरिमा ने बताया कि वह आशना फोर एनिमल्स जानवरों की संस्था की संस्थापक है और जानवरों की सुरक्षा के लिए काम करती हैं! उन्होंने बताया कि वह कुत्ते,बिल्ली,पक्षी,घोड़े के साथ-साथ जंगली जानवरों के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकते हैं और इनकी तस्करी करने वालों के खिलाफ आवाज भी उठाते हैं फ़रन फ़्लफ़्स संस्था के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं जिसमें हम चंडीगढ़ और मोहाली के मामलों को देखते हैं!
लोगों को किया जाए जागरूक
गरिमा ने बताया कि जो लोग इन बेसहारों को खाना देते हैं उनका कुछ लोग विरोध करते हैं जिसकी वजह से कभी कभी हिंसा की स्थिति बन जाती है लोगों को जागरूक होने की जरूरत है कि अनुच्छेद 15 एजी के तहत पर्यावरण को सुरक्षित रखना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है जिसमें हमारे जानवर भी शामिल है
गरिमा, संस्था के संस्थापक